VOL- 10, ISSUE- 03, PUNE RESEARCH TIMES (ISSN 2456-0960) JIF 4.06
10.3 TIMES
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VOL- 10, ISSUE- 03, PUNE RESEARCH TIMES (ISSN 2456-0960) JIF 4.06
10.3 TIMES
VOL- 10, ISSUE- 03, PUNE RESEARCH TIMES (ISSN 2456-0960) JIF 4.06
10.3.101 टाईम्स
मधु
मंगेश
कर्णिक
का
जीवन
एक
प्रेरणास्रोत
है।
मराठी
साहित्य
के
विख्यात
साहित्यकार
मधु
मंगेश
कर्णिक
जी
का
जीवन
संघर्ष,
सेवा,
और
साहित्य त्रिवेणी
से
सजा
हुआ
है।
उन्होंने
न
केवल
शब्दों
की
शक्ति
से
लोगों
के
दिल
जीते,
बल्कि
सामाजिक
कार्यों
से
भी
समाज
में
बदलाव
की
मशाल
जलाए।
उनका
जन्म
महाराष्ट्र
के
सिंधुदुर्ग
जिले
के
करूल
गांव
में
हुआ।
उन्होंने
जीवन
के
प्रत्येक
संघर्ष
को
सहर्ष
स्वीकार
किया
और
साहित्य
में
बदला।
साहित्य,
सेवा
और
सत्य
के
पथ
पर
अडिग
रहे।
उन्होंने
अपने
गांव,
अपने
मूल,
अपने
समाज
और
अपनी
मातृभाषा
से
उन्होंने
कभी
नाता
नहीं
तोड़ा।
उनका
यह
आत्मवाक्य
उनके
समस्त
जीवन
का
सार
है—
“जहाँ
जन्म
हुआ,
वहीं
से
जीवन
खिल
उठा।”
मूलशब्द-
बाल्यकाल
और
प्रारंभिक
संघर्ष,
व्यक्तिगत
जीवन
और
दृष्टिकोण,
साहित्य
में
प्रवेश
और
प्रेरणाएं,
सामाजिक
कार्य
और
संस्थाएं,
निष्कर्ष